Monday, June 14, 2010

"बारिशों के मौसम में भीगना, मुझे यूँ अच्छा लगता है।"



बारिशों के मौसम में भीगना,
मुझे यूँ अच्छा लगता है।
हम कितना भी रो लें,
किसी को क्या पता चलता है।
खुदा से पूछता हूँ बार-बार,
क्यों बनाये ये मौसम चार,
एक ही मौसम रहता बरसात का,
तो कितना अच्छा होता ।
मेरे आंसुओं का किसी को,
कभी पता ना चलता ।
मौसम के बदलने से,
बारिशें थम भी जाती हैं।
आंसू मगर अब, रुक नहीं पातें हैं।
आखों से लगातार बरसते जातें हैं।

Friday, June 11, 2010

"आ रहीं हैं हिचकियाँ कल शाम से...."



जाने क्या बात है...

रहीं हैं हिचकियाँ कल शाम से....

ताना दे रहें हैं लोग मुझे,

बुला कर तेरे नाम से...

धीरे -धीरे ना जाने कैसे,

जुड़ गया मेरा नाम तेरे नाम से....

ताना दे रहें हैं लोग मुझे,

बुला कर तेरे नाम से...

Sunday, June 6, 2010

"मुझे मालूम है, हम बिछुड़ जायेंगें एक दिन ..."



मुझे मालूम है,
हम बिछुड़ जायेंगें एक दिन ...
इसीलिए छुपा कर रखे हैं
अपनी आखों में ,
उस दिन के लिए सारे आंसू मैंने...
तुमको भी उस दिन ,
बहुत याद आऊँगा मैं
अपने संग-संग तुमको भी,
बहुत रुलाऊंगा मैं ।
जिस कहानी का कोई अंत नहीं,
वो कहानी तुमको सुनाऊंगा मैं।
फिर ना कभी आयेंगी बहारें,
ऐसे मौसम छोड़ जाऊँगा मैं।
अपने संग-संग ,
तुमको भी बहुत रुलाऊंगा मैं ।
शिकवा नहीं तुमसे से ना शिकायत है कोई,
मेरे जाने से तुमको कोई दुःख ना पहुंचे
इसीलिए , उस दिन खुद ही तुमसे ...
नाराज़ हो जाऊँगा मैं।

Tuesday, June 1, 2010

"फूलों पर ओंस की बूंदों जैसी होती हैं बेटियाँ ..."



"बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जायेगा।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
जीने को तो, जी ही लेंगे हम मगर ......
बिना साँसों के फिर कैसे जिया जायेगा।
कुछ ही दिनों में वो लम्हा भी करीब आ जायेगा।
सोने के रथ पर हो कर सवार , आयेगा सपनों का राजकुमार।
ले जायेगा तुमको सात समुन्दर पार, हर शक्स बस देखता रह जायेगा ।
बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जाएगा ।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
नाजुक सी टहनियों पर , फूलों की लड़ियाँ ।
वो खिलती कलियाँ , घर में आती ढेरों खुशियाँ ।
माता-पिता की अनमोल धरोहर हैं बेटियाँ ।
अपने घर में भी मेहमान होती हैं बेटियाँ ।
फूलों पर ओंस की बूंदों जैसी होती हैं बेटियाँ ।
विदा करके उनको निभाना है दस्तूर।
फिर उम्रभर बहुत याद आतीं हैं बेटियाँ ।
बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जाएगा ।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
आखों में मोती बनकर हमेशा के लिए ,
बस यादों का सिलसिला रह जायेगा।
बेटी के बिना पापा का दिल कब तक रह पायेगा।
आखों में आंसुओं के समुन्दर उमड़ आयेगें ,
कलेजे के टुकड़े को जब बाबुल, ख़ुद अपने हाथों से विदा करके आयेगें ।
बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जाएगा ।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
बहना तुमसे अब कभी नहीं लडूंगी मैं, खिलोने सारे अपने तुम्हे दे दूंगी मैं।
हमेशा तुम्हारा कहना मानूंगी मैं ........
खिलोनों की अलमारी में रखी मेरी गुडिया को अब कौन सजायेगा ?
गुडिया-गुड्डे का ब्याह रचाना बहुत याद आयेगा ।
मिटटी के बर्तनों में खाना बनाना , बहुत याद आयेगा ।
बचपन का हर लम्हा , बार-बार रुलाएगा ।
अब मुझे पढ़ाई की बातें कौन बतायेगा ?
बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जाएगा ।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।
जीवन आपका संगीतमय हो जायेगा .....
आपके गीतों को नया सुर मिल जायेगा ......
जब आपको , आपके मन का मीत मिल जायेगा।
शुभकामनाएं है हमारी आपको .......
खुशियों से भरा रहे आपका आँचल .....
फूलों से महकता रहे आपका नया आँगन ।
जिंदगी का हर सपना सच हो जायेगा।
आपका जीवन चंदन हो जायेगा।
जिस घर में तुम जाओगी , वो घर मन्दिर हो जायेगा।
बहना तेरे जाने से, घर हमेशा के लिए सूना हो जाएगा ।
मानों आँगन से तुलसी का पौधा चला जायेगा।"