एक बार कहा था किसी ने , कि “बोलती हैं तस्वीरें ” ,
आज महसूस हुआ मुझे , सच बोलती है तस्वीरें ”
बिना शब्दों के ही , सारी कहानी कहती है तस्वीरें ..
कभी फूलों की तरह मुस्कराती हैं तस्वीरें ,
कभी इन्द्रधनुष में रंग भरती हैं तस्वीरें ,
अक्सर अपने आंसू छुपा जाती हैं तस्वीरें ,
बिना कुछ कहे , बहुत कुछ कह जाती है तस्वीरें ..
ज़िन्दगी के सारे रंग दिखा जाती हैं तस्वीरें ...
हर हाल में मुस्कराना सिखा जाती है तस्वीरें ...
बिना कुछ कहे , बहुत कुछ कह जाती है तस्वीरें ..
I am Shalabh Gupta from India. Poem writing is my passion. I think, these poems are few pages of my autobiography. My poems are my best friends.
Friday, February 24, 2012
Monday, February 20, 2012
"मंजिल है दूर, मगर चलते जाना है..."
मंजिल है दूर, मगर चलते जाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
सातवें आसमान से आगे हमको जाना है।
मुड़कर ना पीछे कभी देखना है।
मंजिल ना मिले, हमे जब तक...
बस चलते जाना है, चलते जाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
अस्तित्व है हमारा , कुछ कर के दिखाना है।
जीवन हमारा व्यर्थ नहीं जाना है।
ज़िन्दगी में करने हैं अभी काम बहुत,
हर क्षेत्र में विजेता बन कर दिखाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
बीता हुआ पल फिर नहीं आना है।
हर पल है मूल्यवान, बातों में नहीं गंवाना है।
जीवनं को सार्थक कर के दिखाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
पल प्रति पल , जीवन और भी कठिन होते जाना है।
असफलताओं के चक्रव्यहू को तोड़ कर जाना है।
अर्थहीन जीवन को, अर्थ पूर्ण बनाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
सातवें आसमान से आगे हमको जाना है।
मुड़कर ना पीछे कभी देखना है।
मंजिल ना मिले, हमे जब तक...
बस चलते जाना है, चलते जाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
अस्तित्व है हमारा , कुछ कर के दिखाना है।
जीवन हमारा व्यर्थ नहीं जाना है।
ज़िन्दगी में करने हैं अभी काम बहुत,
हर क्षेत्र में विजेता बन कर दिखाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
बीता हुआ पल फिर नहीं आना है।
हर पल है मूल्यवान, बातों में नहीं गंवाना है।
जीवनं को सार्थक कर के दिखाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
पल प्रति पल , जीवन और भी कठिन होते जाना है।
असफलताओं के चक्रव्यहू को तोड़ कर जाना है।
अर्थहीन जीवन को, अर्थ पूर्ण बनाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
Tuesday, February 7, 2012
"हमें हर हाल में मुस्कराना है..."
"जख्म कितना भी गहरा सही,
दर्द तो बस छुपाना है।
हमें हर हाल में मुस्कराना है ।
वक्त , हर समय नहीं रहता एक सा....
हर मौसम आना - जाना है।
हमें हर हाल में मुस्कराना है ।
निराश होने से कुछ नहीं हासिल,
जो सह गया काटों की चुभन को,
"गुलशन" उसका हो जाना है।
हमें हर हाल में मुस्कराना है ।"
दर्द तो बस छुपाना है।
हमें हर हाल में मुस्कराना है ।
वक्त , हर समय नहीं रहता एक सा....
हर मौसम आना - जाना है।
हमें हर हाल में मुस्कराना है ।
निराश होने से कुछ नहीं हासिल,
जो सह गया काटों की चुभन को,
"गुलशन" उसका हो जाना है।
हमें हर हाल में मुस्कराना है ।"
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