Wednesday, September 11, 2013

"अपने क़दमों पर कर भरोसा , एक ही रास्ते पर चल ...."

अपने क़दमों पर कर भरोसा ,
एक ही रास्ते पर चल ।
चाहे, हौले-हौले चल । 
उबड़-खाबड़ देख कर,
रास्ता ना बदल ।
चाहे, हौले-हौले चल ।
गिरकर, संभलता चल ।
ठोकरों से सीखता चल ।
चाहे, हौले-हौले चल ।
रंग-बिरंगी कारें देख कर,
मन ना मचल ।
समय तेरा भी आयेगा ,
जरा सब्र तो कर ।
मिल ही जायेगी मंजिल,
आज , नहीं तो कल !
अपने क़दमों पर कर भरोसा ,
एक ही रास्ते पर चल ।
चाहे, हौले-हौले चल । 

Sunday, September 8, 2013

"मुझे बस एक बूँद "ओंस" की बनना है ..."

ना सरोवर, ना नदिया, ना सागर बनना है।
मुझे बस एक बूँद "ओंस" की बनना है । 
मोती बनकर कुछ देर चमकना है। 
कुछ पलों में जीवन सारा जीना है। 
मुझे बस एक बूँद "ओंस" की बनना है । 
फूलों की पंखुडियां बने या काटें बने बिछोना मेरा ... 
जन्म हुआ जहाँ, साँस अंतिम वहीँ लेना है। 
परिस्थिति कैसी भी रहे साथ मेरे, 
हर स्थिति में, मुझे मुस्कराते हुए जीना है। 
मुझे बस एक बूँद "ओंस" की बनना है । 
जिन्होनें रखा मुझे रात भर संभाल कर, 
उन सभी के प्रति मुझे आभार व्यक्त करना है। 
प्रसन्नचित ह्रदय से स्वागत सूर्य का करना है। 
हँसते हुए इस संसार से प्रस्थान करना है। 
मुझे बस एक बूँद "ओंस" की बनना है ।