Sunday, April 13, 2014

"नये ज़ख्म..."

जो किसी के दर्द में शामिल नहीं हैं,

वो लोग दोस्ती के काबिल नहीं हैं ,

पुरानों ने दिये कुछ नये ज़ख्म,

नये दोस्तों की और ज़रूरत नहीं हैं।

(शलभ गुप्ता "राज")