Thursday, March 23, 2017

"अपने दिल की भी सुना करो ..."

कभी-कभी अपने दिल की भी सुना करो ।
मन की तितलियों को उड़ने दिया करो ।
ये माना काम में बहुत मसरूफ हो मगर,
कभी-कभी कुछ लम्हे खुद को भी दिया करो ।
बारिशों के मौसम में भी भीगा करो।
उदास ज़िन्दगी में इन्द्रधनुषी रंग भरा करो ।
कभी-कभी खुल कर भी हँसा करो ।
तितलियों को किताबों में मत रखा करो।
उनके संग-संग आसमां में उड़ा करो।
कभी-कभी अपने दिल की भी सुना करो।

(कुछ वर्ष पूर्व लिखी हुई एक कविता )
-  शलभ गुप्ता "राज"

Friday, March 10, 2017

"रंग.."

मेरी ज़िन्दगी के रंग,
इंद्रधनुषी नहीं तो क्या,
मटमैले तो हैं।  

Wednesday, March 8, 2017

"Banganga Tank.."

Banganga Tank is an ancient water tank which is part of the Walkeshwar 
Temple Complex in Malabar Hill area of Mumbai in India. 
I love this place very much, I wrote many poems here. 

Friday, March 3, 2017

"नये सफर.."

यादों के सहारे कब तक जिया जायेगा ,
चल उठ, अब फिर से जिया जायेगा।
कल की गठरी को मन से उतार,
अब नये सफर पर चला जायेगा।
तमाम उम्र झुलसती रही ज़िन्दगी,
अब के बारिशों में खूब भीगा जायेगा।
भीड़ में भी तन्हा ही चलते रहे "शलभ",
अब किसी को हमराह बनाया जायेगा।
© Shalabh Gupta
11 April 2016