Friday, June 29, 2018

"इन बारिशों के मौसम में ..."

तुम भीगना इस बार बारिशों में,
मुझे नहीं भीगना है। 
मुझे तो ढेर सारे पौधे लगाने हैं ,
इन बारिशों के मौसम में।

@ शलभ गुप्ता


Saturday, June 23, 2018

"मेघा .."

मेघा, तुम कब आओगे ?
मेरे देश ।  
आपकी प्रतीक्षा में,
साँसें रह गयी शेष । 

शलभ गुप्ता "राज"

Tuesday, June 19, 2018

"कुछ आंसू.."


"कुछ आंसू.."

डायरी के कुछ पन्नों के कोने,
मैंने मोड़कर रखे हैं।  
कुछ मुस्कारते लम्हें मैंने, 
आज भी सहेज कर रखे हैं।  
शायद लौट आओगे तुम एक दिन।  
इसीलिए इन पथराई आँखों में,
ख़ुशी के कुछ आंसू मैंने,
आज भी सहेज कर रखे हैं।  
  
@ शलभ गुप्ता "राज"

Friday, June 8, 2018

"तुलसी महके सदा आँगन में.."

6 जून है जन्मदिन आपका,
शुभकामनायें करें स्वीकार।
तुलसी महके सदा आँगन में ,
नित नयी रंगोली सजे घर-द्वार।
"सुख"-"समृद्धि" हमेशा संग रहें,
होंठ मुस्कराते रहें बार-बार।
आपके जीवन की "जन्मपत्री" पर,
"खुशियों" के हों अमिट हस्ताक्षर।
अनगिनित बाधाएं मिले राह में,
या समय रहे प्रतिकूल,
चलते रहें; चलते रहें, 
जीवन पथ पर निरंतर।
मेरी ओर से करें स्वीकार,
"कविता" का यह उपहार।
6 जून है जन्मदिन आपका,
शुभकामनायें करें स्वीकार।

@ शलभ गुप्ता "राज"