गुलशन, गुलज़ार है कलियों से...
फूल खिलेंगे ज़रूर।
यकीन है पूरा मुझको,
ब्लॉग के सब साथी ,
एक दिन मिलेंगें ज़रूर।
अपनेपन का अहसास लिये,
फूलों की नाज़ुक कलियाँ,
सब मिल कर,
एक नयी कहानी लिखेंगें ज़रूर ।
खिल जाएँ फूल,
तो आप सब , बस इतना करना।
उन फूलों को संभाल कर,
अपने दिल की किताब में रखना।
यकीन है पूरा मुझको,
ता-उम्र उस किताब से,
खुशबू आयेगी ज़रूर।
सब मिल कर,
ReplyDeleteएक नयी कहानी लिखेंगें ज़रूर । जरुर लिखंगे कहानी... बहुत ही अच्छी रचना....
Shukriya Sushma Ji.... Aap Sab Ki Baato Se Ek Naya Hausla Milta Hai...
ReplyDeleteगुलशन, गुलज़ार है कलियों से...
ReplyDeleteफूल खिलेंगे ज़रूर।
यकीन है पूरा मुझको,
ब्लॉग के सब साथी ,
एक दिन मिलेंगें ज़रूर।
जरुर मिलेगे --अगर दिल में हसरत हो तो ..
Darshan Kaur Ji : I am Sure, All of us will meet at some day.....Regards...
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