I am Shalabh Gupta from India. Poem writing is my passion. I think, these poems are few pages of my autobiography. My poems are my best friends.
Saturday, July 30, 2011
"एक नई इबारत लिख रहा..."
रात का आखरी प्रहर है, तेज़ी से गुज़र रहा। आने वाले कल के लिए, नई इबारत लिख रहा। इस भागती - दौड़ती दुनिया में , हर इंसान अपना मुकाम तलाश रहा । "राह" का पत्थर था जो अब तलक, अब "मील" का पत्थर बन रहा ।
बहुत खूब....
ReplyDeleteShukriya Sushma Ji....
ReplyDeleteबहुत खूब....
ReplyDeleteलिकं हैhttp://sarapyar.blogspot.com/
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Thanks Vidhya ji...Sure, will visit...
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