जो मंजिल पर कभी पहुँच नही सकते ,
उन रास्तों पर ही कदम रखे हमने ।
जो पूरे हो नही सकते ,
ख्वाब वही देखे हमने ।
जो हम सुना नही सकते ,
गीत वही लिखे हमने ।
और जब दिल को लगी प्यास ,
ख़ुद के आंसू पीये हमने।
जो मंजिल पर कभी पहुँच नही सकते ,
उन रास्तों पर ही कदम रखे हमने।
खुदा बाँट रहा था जब खुशियाँ लोगों को,
नाम उसमे अपना नही लिखाया हमने ।
चंचल हवाओं ने हाथ पकड़ा तो बहुत था ,
फूलों के चमन में,खुशबुओं का मेला तो बहुत था
फिर भी कुछ गिला नहीं तुझसे मेरी जिंदगी ,
तन्हा ही यह सफर तय किया हमने ।
सुन्दर अहसास
ReplyDeleteऔर जब दिल को लगी प्यास ,
ReplyDeleteख़ुद के आंसू पीये हमने।
udas kar gayee.....hatash hona theek nahee...sahee mod par par laee ja saktee hai jindagee.......
shubhkamnae
@ Apanatva Ji :
ReplyDeleteहम कोशिश करेगें फिर से मुस्कराने की ,
मगर लगता नहीं कि मुस्करा पायेगें ।
@ अरुण साथी :
ReplyDeleteजब बात दिल के अहसास की होती है ,
वह बात बहुत ख़ास होती है.....
हर बात पर छलक जाते है आंसू,
अपनी ज़िन्दगी की अब शाम होती है...