Friday, January 14, 2011

"कविता लिखना कोई बड़ी बात नहीं है मगर..."

कविता हर किसी को सुनाई नहीं जाती,
दिल की बात, हर किसी से कही नहीं जाती।

कविता कहना कोई बड़ी बात नहीं है मगर,

कह देते है हम कविता तब,

जब दिल की बात लबों तक नहीं आती।

कविता,
हर किसी पर लिखी नहीं जाती,

अधूरे रहते है शब्द सारे कविता के,

पंक्तियाँ जब तक अपनेपन का अहसास नहीं पातीं।
कविता लिखना कोई बड़ी बात नहीं है मगर,

लिख पाते हैं हम कविता तब,

जब तक वो निगाहें ,
प्रेरणा बनकर दिल में बस नहीं जाती।

कविता, हर किसी को समझ नहीं आती

क्योकिं , दिल से लिखी जाती है
कविता
दिमाग से लिखी नही जाती,
दिल वाले ही लिखते है ,
दिल में रहने वालों पर कवितायें ,

यह दिल वालों की ऐसी बस्ती है,

दिल के सिवा कहीं
और बसाई नहीं जाती।

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