I am Shalabh Gupta from India. Poem writing is my passion. I think, these poems are few pages of my autobiography. My poems are my best friends.
Sunday, January 9, 2011
"अजनबी शहर में, "अपनेपन" का अहसास हुआ है ..."
कुछ दिनों में मुझे यह आभास हुआ है ।
दूर समुन्दर , अब बहुत पास हुआ है ।
अजनबी शहर में, "अपनेपन" का अहसास हुआ है ।
सोचा था लौट जायेगें कुछ दिनों में ,
उम्रभर रहने का अब मन हुआ है ।
दूर समुन्दर , अब बहुत पास हुआ है ।
बे-इरादा जी रहे थे अब तक ,
अब कुछ कर गुजरने का मन हुआ है ।
अजनबी शहर में, "अपनेपन" का अहसास हुआ है ।
मिलना बिछुड़ना , फिर बिछुड़ कर मिल जाना ।
ज़िन्दगी में एक नया इत्तफाक हुआ है ।
कुछ दिनों में मुझे यह आभास हुआ है ।
दूर समुन्दर , अब बहुत पास हुआ है ।
अजनबी शहर में, "अपनेपन" का अहसास हुआ है ।
(फोटो आभार : गूगल के सौजन्य से)
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