Saturday, November 10, 2018

मन के अंधेरे..

अपने मन के अंधेरे, सारे बांट लें हम, 
रोशन यह अपना शहर हो जायेगा !! 
@ शलभ गुप्ता 

शुभकामनायें...

आजकल डिजिटल हो गयीं,
सारी शुभकामनायें !
अपनों की आवाज सुने,
एक जमाना हो गया !
@ शलभ गुप्ता