Saturday, September 11, 2021

"मुलाकात .."

आप हमसे,
मुलाकात करने की,
बात करते हैं। 
अरे हम तो,
खुद से भी,
बड़ी मुश्किल से,
मिलते हैं।

"दो बातें.."

दो बातें उनसे क्या कर ली मैंने,
सारा शहर अखबार हो गया। 
एक ज़रा से बीमार क्या हुए हम,
सारा शहर तीमारदार हो गया।

याद

यूँ तो सारे शहर ने,
भुला दिया मुझे। 
मेरी हिचकियों में आकर,
फिर कौन याद करता है मुझे। 

इश्क़ का बुखार

इश्क़ का बुखार हो या फिर मौसम का,
जब भी आता है कई दिनों तक रहता है।