जन्मदिन की शुभकामनाओं का आगमन।
प्रसन्नता से प्रफुल्लित हृदय का अन्तःकरण,
6 जून की सुबह से, सुगंधित घर का आंगन।
अरब सागर के किनारे हवा के ठंडे झोके,
आपको बधाई संदेश प्रेषित कर रहे हैं।
आसमां में उड़ते पंछी भी आपके लिए,
सुबह से ही "हैप्पी बर्थडे" गुनगुना रहे हैं।
खुशी का उत्सव सा है आज फिज़ाओं में,
अपनों के फोन, सुबह से ही आ रहे हैं।
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा हो या चर्च,
सब जगह से आपको आशीर्वाद मिल रहे हैं।
हर बार की तरह, गिफ्ट कोई नहीं लाया हूं।
आपकी तरह, ग्रीटिंग कार्ड् भी नहीं बना पाया हूं।
आपके जन्मदिन पर, क्या उपहार दूं आपको ?
कुछ शब्दों को जोड़कर, बस यह कविता लिख पाया हूं।
@ शलभ गुप्ता