Tuesday, November 29, 2022

"जीवन के खाते.."

मिली हैं किश्तों में, अब मुझको साँसें। 
बहुत हो गईं अब, इस जमाने से बातें। 
संभालकर चलाने हैं, जीवन के खाते। 
खुद से करनी है अब, ढेर सारी  बातें। 

Thursday, November 24, 2022

"ऐ ज़िन्दगी.."

ऐ ज़िन्दगी, अब ज़रा हौले हौले चल। 
बरसों बाद, अब मिले सुकून के पल। 
अभी ठहर, संभल, फिर धीरे धीरे चल। 
बड़े एहतियात से, खर्च करना अब पल। 

Saturday, November 19, 2022

"साँसों की अहमियत..|

धीरे धीरे ही सही, ज़िन्दगी चलने लगी। 
गुनगुनी धूप अब, मन को भाने लगी। 
धड़कनों को मिली, एक नई संजीवनी। 
साँसों की अहमियत, समझ आने लगी। 

Thursday, November 17, 2022

"कुछ लोग..|

खबर होकर भी आजकल,
बेखबर रहते हैं कुछ लोग। 
सचमुच कमाल करते हैं,
मेरे शहर के कुछ लोग। 

Wednesday, November 16, 2022

"बहुत बहुत शुक्रिया.."

दिल "एक",
और डाइट चार्ट,
"तीन" पेज का !
"एक" जीवन में मिला है,
मुझे "दूसरा" जीवन,
ध्यान तो रखना ही है,
बहुत बहुत शुक्रिया !
तुम्हारा ज़िन्दगी !!

"माता पिता की दुआएं..."

 [१]
ठहरती साँसों को नया जीवन मिला है। 
माता पिता की दुआओं का यह सिला है। 

[२]
चलो, अच्छा हुआ,
मोबाइल का साथ,
अब कम हो गया है। 
दवाइओं के डिब्बे ,
के रूप में नया साथ,
मुझे जो मिल गया है। 

" हृदयघात.."

हृदयघात की पीड़ा सहता रहा,
नासमझ फिर भी मैं ठहरा नहीं। 
सबके दर्द को तो जाना अक्सर,
अपने दिल की बात मैं समझा नहीं।