Saturday, December 3, 2022

"खिली - खिली धूप.."

जाड़ों की खिली - खिली धूप से,
जी भर के बातें करने दो मुझे। 
रूठ जायेगी सर्द मौसम में फिर,
कई दिन नहीं आयेगी मिलने मुझे। 

Thursday, December 1, 2022

"मेरे हिस्से की धूप.."

चाहे कितना भी घना कोहरा सही, 
मेरे हिस्से की धूप मुझे मिलेगी ही।