I am Shalabh Gupta from India. Poem writing is my passion. I think, these poems are few pages of my autobiography. My poems are my best friends.
Wednesday, September 26, 2018
Saturday, September 22, 2018
"खुशनुमा लम्हें.."
जब भी मिलते हैं खुशनुमा लम्हें,
उन्हें सहेज कर रख लेता हूँ।
जब भी आते हैं सर्द मौसम,
तब उन्हें खर्च कर लेता हूँ।
इस तरह ज़िन्दगी के दर्द,
कुछ कम कर लेता हूँ।
उस लम्हे में कई ज़िंदगियाँ,
मुस्करा कर जी लेता हूँ।
@ शलभ गुप्ता
उन्हें सहेज कर रख लेता हूँ।
जब भी आते हैं सर्द मौसम,
तब उन्हें खर्च कर लेता हूँ।
इस तरह ज़िन्दगी के दर्द,
कुछ कम कर लेता हूँ।
उस लम्हे में कई ज़िंदगियाँ,
मुस्करा कर जी लेता हूँ।
@ शलभ गुप्ता
"अंजाने मोड़.."
दूर तक जाना हो तो किसी के साथ चलो,
ज़िन्दगी की राहों में अंजाने मोड़ बहुत हैं।
@ शलभ गुप्ता
ज़िन्दगी की राहों में अंजाने मोड़ बहुत हैं।
@ शलभ गुप्ता
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