दूर शहर में रहने वाले बच्चे,
जब घर आ जाते हैं।
माता पिता के लिए वह लम्हें,
"अबीर-गुलाल" हो जाते हैं।
@ शलभ गुप्ता
(होली के दिन लिखी यह चार पंक्तियाँ)
जब घर आ जाते हैं।
माता पिता के लिए वह लम्हें,
"अबीर-गुलाल" हो जाते हैं।
@ शलभ गुप्ता
(होली के दिन लिखी यह चार पंक्तियाँ)