Thursday, May 1, 2014

"घर अब खाली सा लगता है ...."

घर अब खाली सा लगता है ।
घर में नहीं, अब मन लगता है ।
ना जाने कैसी खामोशी है घर में ,
क्या हो गया यह कुछ ही दिन में ।
दिल है मगर धड़कन नहीं ,
साज है मगर आवाज़ नहीं ,
सब कुछ सूना सा लगता है ।
जीवन के इस नाजुक मोड़ पर,
आप साथ छोड़ कर चले गये । 
बीते लम्हें जब याद आते हैं ,
आखों में आंसुओं का मेला लगता है । 
सब कुछ सूना सा लगता है । 
घर में नहीं, अब मन लगता है। 
जीने को तो जी ही लेंगे हम मगर,
बिना आपके , यह जीवन 
अब बोझिल सा लगता है । 
घर अब खाली सा लगता है । 
घर में नहीं, अब मन लगता है ।

( मेरे पूज्य पिताश्री को समर्पित )

2 comments:

  1. May his soul rest in peace. please accept our sincere prayers and condolences to each one of you in your family.

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    1. ghar me kisi ka yun jaana manao sab kuch thaher gaya lagta hai...magar ghar me sabko sambhalna hai aur khud ko bhi ....

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