Sunday, October 1, 2017

"सच्चे जज्बात.."

यूँ तो दुनिया देखी हैं हमने, हज़ारों लोगों से मिले हैं।
सच्चे जज्बात , बस बुजुर्गों की दुआओं में मिले हैं।

@ शलभ गुप्ता
(अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस पर)

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