Wednesday, November 15, 2017

"खुशियों के फूल.."

घर से बहुत दूर, जब कोई अपने मिल जाते हैं ,
थकान से भरे चेहरे पर, खुशियों के फूल खिल जाते हैं। 

@ शलभ गुप्ता
(मेरी मुंबई यात्रा - 2 नवंबर 2017)


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