Thursday, January 2, 2020

अलविदा कैलेंडर 2019

एक एक करके महीने सारे,
कैलेंडर से बेवफाई करते रहे।
फिर भी उन्हें संभालती रहीं दीवारें।
बिछुड़ने का दर्द और कील की चुभन,
ख़ामोशी से सहती रहीं दीवारें।
दिसम्बर के आखिरी पन्ने से गले मिलकर,
आज बहुत रोईं मेरे घर की दीवारें।
(Written on 31.Dec.2019)

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