Tuesday, February 6, 2024

"अहमियत.."

वो हर दिन,
बहुत परेशां करता था मुझे। 
धीरे धीरे मैंने,
उसकी अहमियत ही,
कम कर दी ज़िंदगी से। 
मैं उसे भूलने लगा,
फिर सब ठीक होने लगा। 
अब मैं सुकूं से रहता हूँ,
और मेरा "दर्द" परेशां।  

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