Thursday, July 3, 2025

बारिश..

थोड़ी देर के लिए ही सही,
बारिश बन कर आ जाओ,
तुम मेरे आँगन में। 
बरस जाओ,
दिल के हर कोनों में। 
महक जाओ,
घर के सारे बंद कमरों में। 

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