I am Shalabh Gupta from India. Poem writing is my passion. I think, these poems are few pages of my autobiography. My poems are my best friends.
Thursday, July 22, 2010
"निष्काम कर्मयोग की जागृत हो भावनायें ..."
जीवन में किसी को , ना कोई कष्ट पहुँचाये । पीर परायी जब अपनी बन जाये । निष्काम कर्मयोग की जागृत हो भावनायें । "प्रेम" और "त्याग" की अंकुरित हो संवेदनायें । मेरी नज़र में वही बस "सच्चा कर्म" कहलाये। आओ, हम सब मिल कर इस धरती को स्वर्ग बनायें ।
@ Jandunia: aapka hraday se abhaar...
ReplyDeleteआमीन ... ये धरती स्वर्ग हम सब मिल कर ही बना सकते हैं ....
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