पुराने दोस्त याद आते बहुत है ,
तनहाइयों में रुलाते बहुत है .
“राज" की जिंदगी की राहों में ,
मोड़ आते बहुत है .
किताब में रखे गुलाब के फूल
और तितलियाँ याद आते बहुत है ।
मै यहाँ ठीक हूँ , यह उनको है ख़बर ,
घर से दूर रहने पर मगर ,
हिचकियाँ आती बहुत है .
तनहाइयों में रुलाती बहुत है .
आंसुओं के समंदर में है , “राज” की जिंदगी
और लोग समझते है , हम मुस्कराते बहुत है "
बहुत अच्छी भावाभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteबीता हुवा सब कुछ याद आता है .. तुम, वो फूल, तितलियाँ .... बहुत दिलकश रचना ...
ReplyDelete