Friday, September 9, 2011

"घर का आँगन और बच्चों का बोलना..."

चलते समय घर में सबसे मिलना ।
बहुत मुश्किल है आंसुओ को रोकना ।
ना जाने फिर कब होगा मिलना ।
बार-बार फिर याद आता है मुझको,
घर का आँगन और बच्चों का बोलना ।

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