Monday, February 20, 2012

"मंजिल है दूर, मगर चलते जाना है..."

मंजिल है दूर, मगर चलते जाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
सातवें आसमान से आगे हमको जाना है।
मुड़कर ना पीछे कभी देखना है।
मंजिल ना मिले, हमे जब तक...
बस चलते जाना है, चलते जाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
अस्तित्व है हमारा , कुछ कर के दिखाना है।
जीवन हमारा व्यर्थ नहीं जाना है।
ज़िन्दगी में करने हैं अभी काम बहुत,
हर क्षेत्र में विजेता बन कर दिखाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
बीता हुआ पल फिर नहीं आना है।
हर पल है मूल्यवान, बातों में नहीं गंवाना है।
जीवनं को सार्थक कर के दिखाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।
पल प्रति पल , जीवन और भी कठिन होते जाना है।
असफलताओं के चक्रव्यहू को तोड़ कर जाना है।
अर्थहीन जीवन को, अर्थ पूर्ण बनाना है।
लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।

3 comments:

  1. यही हम सबकी इच्छा है भगवान पूरी करें आपकी भी कामना ....

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  2. मंजिल है दूर, मगर चलते जाना है।
    लक्ष्य को एक दिन ज़रूर पाना है।प्रभावशाली रचना.....

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  3. यही तो जीवन है.... बेहतरीन रचना.....

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