Friday, February 12, 2016

"शब्दों का अतुल भण्डार दो माँ,..

शब्दों का अतुल भण्डार दो माँ,
हृदय को नये विचार दो माँ।
इतना मुझ पर उपकार करो माँ।
जीवन मेरा संवार दो माँ।
अनुभूतियों को साकार दो माँ।
सृजन को व्यापक स्वरुप दो माँ।
श्वेत पृष्ठों को इंद्रधनुषी कर दूँ,
मेरे शब्दों को नये रंग दे दो माँ।
"शलभ" को नये आयाम दो माँ।
शब्दों का मुझे उपहार दो माँ।
कुछ ऐसा लिखे मेरी लेखनी,
पढ़कर सब निहाल हो जाएँ माँ।
( Shalabh Gupta "Raj")

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