Wednesday, July 13, 2016

"मंजिल.."

मंजिल चाहे कितनी भी दूर सही ....
क़दमों पर अपने , बस भरोसा होना चाहिए। 

ठहरे हुए पानी में क्या मज़ा आएगा,
तैरने के लिए , समुन्दर में तूफान चाहिए।
चलते रहना है निरंतर , ना रुकना है कभी ..
भीड़ से अलग, पद-चिन्ह अपने बनाना चाहिए।
(Shalabh Gupta "Raj")

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