Thursday, April 19, 2018

"बचपन के दिन.."

“बच्चे नहीं जानते ,
कि बच्चे क्या होते हैं ।
चोट उनको लगे ,
अहसास दर्द के हम को होते हैं ।
दर्द अपना छुपा कर ,
उनको फिर समझाते हैं .
मुझको अब अपने ,
बचपन के दिन याद आते हैं ।
@ शलभ गुप्ता 

No comments:

Post a Comment