राह में सूरज,
कोहरे से अठखेलियाँ करने लगा है।
इसीलिए शायद,
मेरे शहर में देर से आने लगा है ।
अब मुझे देर से जगाने लगा है ।
गुनगुनी धूप का साथ,
मन को बहुत भाने लगा है ।
आओ स्वागत करें हम सब मिलकर ,
जाड़ों का मौसम अब आने लगा है ।
© शलभ गुप्ता
(अपने गृह नगर मुरादाबाद से )
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