Monday, December 24, 2018

"स्वेटर.."

माँ, तुम कहाँ हो ?
जाड़े शुरू हुये कई दिन हो गये।
चाहे, सपनों में ही आ जाना।
अपने हाथों से मेरे लिये,
एक "स्वेटर" बुन जाना !
@ शलभ गुप्ता
अपने गृह नगर , मुरादाबाद से !


2 comments:

  1. ह्रदयस्पर्शी अभिव्यक्ति 👌👌👌

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  2. अप्रतिम भावपूर्ण अभिव्यक्ति 👌👌👌💐💐💐

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