Friday, February 4, 2022

"जीवन मेरा संवार दो माँ।.."

शब्दों का अतुल भण्डार दो माँ,
लेखनी को नए विचार दो माँ।
इतना मुझ पर उपकार करो माँ।
जीवन मेरा संवार दो माँ।
अनुभूतियों को सार्थक रूप दो माँ।
सृजन को व्यापक स्वरुप दो माँ।
जीवन मेरा संवार दो माँ।
बेरंग शब्दों में रंग भर दो माँ।
शब्दों को नए अर्थ दो माँ।
"शलभ" को नए आयाम दो माँ।
जीवन मेरा संवार दो माँ।
शब्दों का मुझे उपहार दो माँ।
कुछ ऐसा लिखे मेरी लेखनी,
पढ़कर सब निहाल हो जाएँ माँ।
इतना मुझ पर उपकार करो माँ।
जीवन मेरा संवार दो माँ।
(फोटो आभार : गूगल )


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