भवाली, भीमताल यात्रा की बातें और यादें
इन पंक्तियों में : (5 जून 2022)
इन पंक्तियों में : (5 जून 2022)
[१]
इन पहाड़ों से रिश्ते मेरे बड़े पुराने हैं।
सफर के रास्ते सारे जाने पहचाने हैं।
[२]
ज़िन्दगी के सारे गुलाब देकर उसे,
कैक्टस सारे अपने नाम कर लिए।
[३]
शहर के कोलाहल से दूर, पेड़ों की ठंडी छाँव में।
चलते चलते आ ही गए हम, अपनों के गांव में।
वापस आना सुखद अहसास ।।
ReplyDelete