Sunday, April 18, 2010

"पुराने दोस्त याद आते बहुत है ...."



पुराने दोस्त याद आते बहुत है ,
तनहाइयों में रुलाते बहुत है .
“राज" की जिंदगी की राहों में ,
मोड़ आते बहुत है .
किताब में रखे गुलाब के फूल
और तितलियाँ याद आते बहुत है ।
मै यहाँ ठीक हूँ , यह उनको है ख़बर ,
घर से दूर रहने पर मगर ,
हिचकियाँ आती बहुत है .
तनहाइयों में रुलाती बहुत है .
आंसुओं के समंदर में है , “राज” की जिंदगी
और लोग समझते है , हम मुस्कराते बहुत है . "

5 comments:

  1. आपकी ये रचना पढ़ कर एक गीत की पंक्तियाँ याद आ गयीं...

    जो तुम इतना मुस्कुरा रहे हो, क्या गम है जो हमसे छिपा रहे हो...

    बढ़िया रचना...

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  2. सच है पुरानी सब बातें बहुत याद आती हैं ... फिर दोस्तों की तो बात ही क्या ...

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  3. आप सभी का ह्रदय से आभार !
    मैं तो बस यूँ ही लिखता रहता हूँ.....
    अपने मन को हल्का करता रहता हूँ......

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  4. bahut sunder abhivykti apane bhavo kee........

    pichalee yade sahara hotee hai jeevan ka.........

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  5. सच कहा आपने.... यादें सहारा होतीं हैं जीवन का.....
    और ज़िन्दगी इन्ही यादों के सहारे गुज़र जाती है....

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