मुझे मालूम है,
हम बिछुड़ जायेंगें एक दिन ...
इसीलिए छुपा कर रखे हैं
अपनी आखों में ,
उस दिन के लिए सारे आंसू मैंने...
तुमको भी उस दिन ,
बहुत याद आऊँगा मैं
अपने संग-संग तुमको भी,
बहुत रुलाऊंगा मैं ।
जिस कहानी का कोई अंत नहीं,
वो कहानी तुमको सुनाऊंगा मैं।
फिर ना कभी आयेंगी बहारें,
ऐसे मौसम छोड़ जाऊँगा मैं।
अपने संग-संग ,
तुमको भी बहुत रुलाऊंगा मैं ।
शिकवा नहीं तुमसे से ना शिकायत है कोई,
मेरे जाने से तुमको कोई दुःख ना पहुंचे
इसीलिए , उस दिन खुद ही तुमसे ...
नाराज़ हो जाऊँगा मैं।
भावनाओं को बहुत खूबसूरती से लिखा है...
ReplyDeleteमुझे मालूम है,
ReplyDeleteहम बिछुड़ जायेंगें एक दिन ...
इसीलिए छुपा कर रखे हैं
अपनी आखों में ,
उस दिन के लिए सारे आंसू मैंने...
बहुत भावनात्मक लिखा है ... दिल से लिखा है ..
MUJHE MAALOOM HAI EK DIN BICHHUD JAAYENGE HAM BAHUT HI ACHCHHAA LIKHAA HAI AISE HI LIKHTE RAHO
ReplyDeleteआप सब के प्रेरणा दायीशब्दों ने मेरी कलम को एक नई संजीवनी प्रदान की है....
ReplyDeleteआप सबका ह्रदय से आभार ...