I am Shalabh Gupta from India. Poem writing is my passion. I think, these poems are few pages of my autobiography. My poems are my best friends.
Friday, January 27, 2012
"यदि आँखों में किसी की , कोई नमी नहीं हैं..."
यदि आँखों में किसी की, कोई नमी नहीं हैं। धरती उस दिल की, फिर उपजाऊ नहीं है। संवेदनाओं का एक भी पौधा, अंकुरित होता नहीं जहाँ, ऐसा बंज़र जीवन, जीने के योग्य नहीं हैं।
गहन अभिवयक्ति.........
ReplyDeleteBahut - Bahut Shukriya...
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