Monday, October 1, 2012

"परियों के देश जाना तुम ..."

हमेशा मुस्कराना और सिर्फ़ मुस्कराना तुम ।
नैनों से आंसुओं के मोती, कभी ना गिराना तुम ।
मेरी है बस यही दुआ, खुश रहो हमेशा तुम।
पलकों में ख्वाब सुनहरे सजाना तुम।
चाँद तारों से आगे परियों के देश जाना तुम।
हमेशा मुस्कराना और सिर्फ़ मुस्कराना तुम ।
अपनापन और प्यार ही प्यार मिले जहाँ ,
सिर्फ़ ऐसी जगह घर बसाना तुम ।
खुशबुओं से महक जाये घर तुम्हारा,
आँगन में ऐसे फूल लगाना तुम ।
हमेशा मुस्कराना और सिर्फ़ मुस्कराना तुम ।
राह में आयें कितनी उलझने, चलते जाना तुम ।
एक दिन मिलेगी मंजिल तुम्हे, देख लेना तुम ।
याद करते हैं जो तुम्हें हमेशा,
कभी-कभी उन्हें भी याद कर लेना तुम ।

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