Sunday, October 14, 2012

"घर के दरवाजों को भी हम मेहमान नजर आये ..."

कई महीनों के बाद जब हम अपने घर आये,
वक्त ने बदल दिया मेरा चेहरा कुछ इस तरह,
घर के दरवाजों को भी हम मेहमान नजर आये
घर की हर चीज़ ने पूछा, मेरे करीब आकर
आप क्यों इतने महीनों बाद आये ।
दीवारें भी मिली जी भर के गले मुझसे,
फिर देर रात आसमान से चंदा और तारे
मुझसे मिलने मेरे घर की छत पर आये ।

कई महीनों के बाद जब हम अपने घर आये,
वक्त ने बदल दिया मेरा चेहरा कुछ इस तरह,
घर के दरवाजों को भी हम मेहमान नजर आये ।

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