Friday, January 17, 2014

"गुनगुनी धूप...."

मेरे बस में हो अगर,
कोहरे से भरे इन जाड़ों के मौसम में,
अपने शहर के लिए,
यहाँ से कुछ "गुनगुनी धूप" भेज दूँ !
( शलभ गुप्ता "राज")
- मुम्बई ( महाराष्ट्र )

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