Thursday, February 6, 2014

" राहें..."

ज़िन्दगी के घुमावदार रास्तों ,
संकरे मोड़ों के गुज़र जाने के बाद ,
दिखाई देने लगती हैं हमको ,
बड़ी-बड़ी और खुली राहें।

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