एक दिन अपने दिल से होकर नाराज़,
बातों-बातों में हमने उससे कह दिया।
ऐ दिल ना परेशान कर और धडकना छोड़ दे।
दिल बोला बड़े इत्मीनान से ,
छोड़ दूंगा मैं उस दिन धडकना ,
"राज" प्यार करना तू जिस दिन छोड़ दे।
( शलभ गुप्ता "राज")
बातों-बातों में हमने उससे कह दिया।
ऐ दिल ना परेशान कर और धडकना छोड़ दे।
दिल बोला बड़े इत्मीनान से ,
छोड़ दूंगा मैं उस दिन धडकना ,
"राज" प्यार करना तू जिस दिन छोड़ दे।
( शलभ गुप्ता "राज")
बेहतरीन अभिवयक्ति.....
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