Sunday, July 13, 2014

"मुंबई की बारिशें..."

[१]

बारिशों में भीगकर मुंबई सयानी हुई,
जैसे किसी के प्यार में दीवानी हुई !

[२]

पायल में घुँघरू छनकते हैं जैसे,
आसमां से बूँदें बरसती हैं ऐसे !

( शलभ गुप्ता "राज")

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