चाहे कितने बंद कर लो दरवाजे सारे।
सुबह होने पर फिर आयेगा सूरज,
धूप को हौले-हौले घर में आना ही है।
ज़िन्दगी को फिर से मुस्कराना ही है।
@ शलभ गुप्ता
सुबह होने पर फिर आयेगा सूरज,
धूप को हौले-हौले घर में आना ही है।
ज़िन्दगी को फिर से मुस्कराना ही है।
@ शलभ गुप्ता
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