Wednesday, May 9, 2018

"चिड़ियों, मैं कहीं भी रहूँ ..."













चिड़ियों, मैं कहीं भी रहूँ ,
तुम कभी चिंता मत करना ।
मेरे बच्चे सुबह और शाम ,
छत पर "दाना" रख दिया करेगें ।
सब कुछ तुम्हारा ही तो है ।
इन "दानों" पर हक़ तुम्हारा है ।
तुम कभी चिंता मत करना ।
मेरी छत पर रोजाना ,
इसी तरह आते रहना ।
अपने हिस्से का "दाना",
तुम इसी तरह चुगते रहना ।

@ शलभ गुप्ता 

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