कई दिनों से घर का एक गमला खाली था,
फूलों का पौधा लगाऊँ या मनी-प्लांट का।
कई दिनों से मैं बस यही सोच रहा था।
गमले की हालत पर, मन बहुत उदास था।
कल घर के आँगन में खुशियों की बारिशें हुईं।
गमले की सूखी मिटटी भी, जी भर के मुस्कराई।
जब मेरे द्वारा उस गमले में,
तुलसी के पौधे का आगमन हो गया।
अंतर्मन में सुखद अनुभूति का,
अविरल प्रवाह हो गया।
इस तरह गमले के संग-संग,
मेरा जीवन भी सार्थक हो गया।
@ शलभ गुप्ता
( फोटो के लिए गूगल का आभार )
फूलों का पौधा लगाऊँ या मनी-प्लांट का।
कई दिनों से मैं बस यही सोच रहा था।
गमले की हालत पर, मन बहुत उदास था।
कल घर के आँगन में खुशियों की बारिशें हुईं।
गमले की सूखी मिटटी भी, जी भर के मुस्कराई।
जब मेरे द्वारा उस गमले में,
तुलसी के पौधे का आगमन हो गया।
अंतर्मन में सुखद अनुभूति का,
अविरल प्रवाह हो गया।
इस तरह गमले के संग-संग,
मेरा जीवन भी सार्थक हो गया।
@ शलभ गुप्ता
( फोटो के लिए गूगल का आभार )
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