Saturday, November 19, 2022

"साँसों की अहमियत..|

धीरे धीरे ही सही, ज़िन्दगी चलने लगी। 
गुनगुनी धूप अब, मन को भाने लगी। 
धड़कनों को मिली, एक नई संजीवनी। 
साँसों की अहमियत, समझ आने लगी। 

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