Sunday, August 8, 2010

"कल रात हम सो नहीं पाये ..."



कल रात हम सो नहीं पाये।
यादों के बादल, घिर-घिर के आये।
बीतें हुए लम्हों की, चमकती रहीं बिजलियाँ।
दिल के आसमां पर, तुम इन्द्रधनुष बन कर छाये।
कल रात हम सो नहीं पाये।
मेरे सिरहाने आकर बैठ गए, तुम्हारी यादों के साये ।
अब इन आंसुओं को कौन समझाये ,
तुम जब याद आये, बहुत याद आये।
कल रात हम सो नहीं पाये।
राह में हम क्या ठहरे कुछ लम्हों के लिये,
तुम बहुत आगे चले आये।
फिर कभी हम-तुम , मिल नहीं पाये।
फिर भी कुछ अलग है तुम में बात, मेरे दोस्त।
हम आज तक तुम्हें भूल नहीं पाये।
कल रात हम सो नहीं पाये।

7 comments:

  1. बेचैन दिल की दास्तां ।

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  2. im speechless......feelings of heart by simple words.....awesome!

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  3. @ Vivek ji : yaaden.....yaaden.... aur bas yaaden...

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  4. @ Ajay Kumar ji : Dil to dil , dil ka etbaar kya kijiye....

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  5. @ Sangeeta ji : Aapka Hradey se Abhar....

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  6. सच है किसी के यादें सोने नही देतीं .... बहुत खूब ...

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