Sunday, January 9, 2011

"अजनबी शहर में, "अपनेपन" का अहसास हुआ है ..."




कुछ दिनों में मुझे यह आभास हुआ है ।
दूर समुन्दर , अब बहुत पास हुआ है ।
अजनबी शहर में, "अपनेपन" का अहसास हुआ है ।
सोचा था लौट जायेगें कुछ दिनों में ,
उम्रभर रहने का अब मन हुआ है ।
दूर समुन्दर , अब बहुत पास हुआ है ।
बे-इरादा जी रहे थे अब तक ,
अब कुछ कर गुजरने का मन हुआ है ।
अजनबी शहर में, "अपनेपन" का अहसास हुआ है ।
मिलना बिछुड़ना , फिर बिछुड़ कर मिल जाना ।
ज़िन्दगी में एक नया इत्तफाक हुआ है ।
कुछ दिनों में मुझे यह आभास हुआ है ।
दूर समुन्दर , अब बहुत पास हुआ है ।
अजनबी शहर में, "अपनेपन" का अहसास हुआ है ।


(फोटो आभार : गूगल के सौजन्य से)

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